आँसू गिरता है समनदर में,
मिल मोती बन जाता है,
एक आह निकलती है,
जलकर शोला बन जाती है।
प्रीती की रीति है ऐसी,
कोई दफन हो जाता है।
तो कोई जीत जाता है,
तो कोई आँसू बहाता है।
कोई आँसू पी जाता है।
शमा जलती हैं',
तो परवाने की खता।
तू हँसा तो जमाने को खता है,
पल पल में बदलता है तेरा बयां।
तू अगर पास नही,
मै अगर तेरी सुनूनहीं,
तो मेरी क्या खता है।
इस गुलशन में खुशबू नहीं,
तो तेरी ही क्या खता।
मिल मोती बन जाता है,
एक आह निकलती है,
जलकर शोला बन जाती है।
प्रीती की रीति है ऐसी,
कोई दफन हो जाता है।
तो कोई जीत जाता है,
तो कोई आँसू बहाता है।
कोई आँसू पी जाता है।
शमा जलती हैं',
तो परवाने की खता।
तू हँसा तो जमाने को खता है,
पल पल में बदलता है तेरा बयां।
तू अगर पास नही,
मै अगर तेरी सुनूनहीं,
तो मेरी क्या खता है।
इस गुलशन में खुशबू नहीं,
तो तेरी ही क्या खता।
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