Meri DuniyaN: नया साल - http://www.swargvibha.in/kavita/all_kavi...
Meri DuniyaN: नया साल - http://www.swargvibha.in/kavita/all_kavi... : नया साल - http://www.swargvibha.in/kavita/all_kavita/nayasaal_mp.html मैं याद हूँ मत सताओ मुझको सकून से मुस्कराने दो कल हो या न हो आज तो कहने दो मत सोचो सफर की खुद ब खुद बुलाये जाओगे मत करो प्रतीक्षा वक्त की बेवक्त बुला लिए जाओगे दुनियां मेला है चार दिन का तमाशबीन बहुत है पंथ बहुत लम्बा है ककड़ पत्थर भी बहुत है आवागमन रहेगा संसार में जब तक तू भोगी है छोड माया काया को प्रभु प्रिय तू सदा रहेगा याद प्रिय की लुभायेगी जब तक बन्धन प्रगाढ रहेगा इच्छा अतृप्त रहेगी जब तक तू तृप्त ना रहेगा संसार मृगमरीचिका है आसक्त तू माया जाल में अन्त समय मत जलाये लाषाओं के ज्वाल को