तुम खास हो

तुम मेरी मधु वीणा के तार हो
मेरे मधु हाथों का स्पर्श
तुम जो भी हो दुनिया की नज़र मे
मेरे लिए खास बस खास हो
एक आम इंसान नही हो
मेरे लिए खास -------------


पर मेरी नज़र मे जो तुम हो
तुम सीप में  समाए मोती हो
तुम शान्त लहरों की शरारत हो
तुम ठंडी धूप की हरारत हो
मधुर यामिनी की आदत हो
मेरे लिए खास------------

तुम ग़मों की गरमी ठण्डक
खुशियों का एहसास हो
तुम धडकनों की आवाज़ हो
साँसों का सुखद साज हो
सूरज की गर्मी में तरू छाँव हो
मेरे लिए खास-------------

सदा हो मेरे प्यार की तुम
तुम ही हमसफ़र मात्र हो
तुम मंजिल हो ज़िन्दगी की
ख़ुद को कभी ना देखना
दुनियाँ की नजर से कभी
मेरे लिए खास------------

क्यूँ कि तुम ख़ास है
मेरे बुझे हुए दिल की आस है
मेरे लिए मधुर अहसास
तुम  जो भी बहुत ख़ास हो
मेरे लिए खास--------------


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