Meri DuniyaN: जय माता दी
Meri DuniyaN: जय माता दी: !!! जय माता दी !!!दरद का दैन्यता
काली रातों में, दिल का दरवाजा खुलता है ,
जब दर्द की काली रातों में, गम आंसूं के संग घुलता हैं ,
जब पिछवाड़े के कमरे में , हम निपट अकेले होते हैं ,
जब घड़ियाँ टिक -टिक चलती हैं , सब सोते हैं , हम रोते हैं ,
जब बार बार दोहराने से , सारी यादें चुक जाती हैं ,
जब उंच -नीच समझाने में , माथे की नस दुःख जाती हैं ,
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है ,
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भरी लगता है ......
काली रातों में, दिल का दरवाजा खुलता है ,
जब दर्द की काली रातों में, गम आंसूं के संग घुलता हैं ,
जब पिछवाड़े के कमरे में , हम निपट अकेले होते हैं ,
जब घड़ियाँ टिक -टिक चलती हैं , सब सोते हैं , हम रोते हैं ,
जब बार बार दोहराने से , सारी यादें चुक जाती हैं ,
जब उंच -नीच समझाने में , माथे की नस दुःख जाती हैं ,
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है ,
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भरी लगता है ......
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