Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जय माता दी

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जय माता दी: Meri DuniyaN: जय माता दी : !!! जय माता दी !!!





कौन तुम मेरी आह में समाये हुए,

कौन मेरी कसकता मे डूबा हआ ।

मधुरता भरता नव ज्योति जलाता,

कौन प्यासे अधरों से मधुपान करता।।



घुमड घुमड कर मन बदरा बरसता,

स्वर्ण-स्वप्नों का चितेरा जाल बुनता।

नींद के आलय मे थपकी दे सुलाता,

कौन अबिरल मेरे हृदय में समाये हुए।।



अनुसरण विश्वास कर नई आशाओं का,

निरन्तर दमन नवनीत संकल्पों का।

चूमने को भेदन कर नवीन सूर्योदय का,

लौटती श्वास नित देख हर्ष आलोक का।।



कौन बन्दी कर मुझे अब अपना गया,

अपनी विजय की पताका फहरा गया।

एक नूतन सम्बन्ध मे हृदय मेंबना गया,

करुण अभाव में संचितलघु क्षण देगया।।



पा लिया मैनें किसे वेदना के मधुर क्रय में,

कौन तुम मेरे हृदय को छूकर खोये हुए।

गूँजता उर में न जाने कौन संगीत सा ,

आज खो निज मुझेखोमिला अप्रतिम सा।।




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