वसंत



ले मौसम अंगराई जब ,जागे मन के भाव

मस्त प्रकृति तब धारती, सौम्य सहज शबाव


लगता मौसम  सुहाना ,आता जब मधुमास

यौवन के रंग रंगी है,आज प्रकृति कुछ खास

भत्रई

करे मानवी साधना , जब तक सोलह साल

 खिलता यौवन पुष्प तब,उस में तब हर हाल


आता है ऋतुराज तब , अपने यौवन साथ 

 प्रेम माह को मनाते , पकड़ हाथ में हाथ


कूँजते कोकिल बोल है, अमुवा आये बौर

गोरी गाये फाग है , गली गली है शोर


मन में  है नव चेतना , हर अंग में उल्लास

झूम रहे है युगल अब , मुख पर है मधु हास


पहनो पीले बसन को , करिये वाणी  जाप

विद्या बुद्धि तब उपजती ,पाओ किरपा आप

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्...

Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: Meri Dun...