Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा...
Meri DuniyaN: Meri DuniyaN: जन्म उत्सव के दिन एक एक करके मैं सजा...: Meri DuniyaN:
जन्म उत्सव के दिन
एक एक करके
मैं सजा रही
वो गुलाबी से फूल
जो कभी
याद करो तुमने
केवल तुमने मुझे दिए
अपने हाथों से
वो स्पर्श आज भी
जिन्दा है
मेरे बीमार पड़ने पर
और वो चाय
जो मेरी फिक्र में
चौथाई कप रह गई
मिल साथ पी
वो स्वाद आज भी
जिव्हा पर है
अब सूर्ख लाल गुलाब
डाल से पतित
नही चाहिए
क्योंकि मेरा वो गुलाबी
गुलाब आज भी सभाँल
रखा है अपने हृदय
जो आज भी मुझे
अपना बनाए है
रखे सुगन्धित
जन्म उत्सव के दिन
एक एक करके
मैं सजा रही
वो गुलाबी से फूल
जो कभी
याद करो तुमने
केवल तुमने मुझे दिए
अपने हाथों से
वो स्पर्श आज भी
जिन्दा है
मेरे बीमार पड़ने पर
और वो चाय
जो मेरी फिक्र में
चौथाई कप रह गई
मिल साथ पी
वो स्वाद आज भी
जिव्हा पर है
अब सूर्ख लाल गुलाब
डाल से पतित
नही चाहिए
क्योंकि मेरा वो गुलाबी
गुलाब आज भी सभाँल
रखा है अपने हृदय
जो आज भी मुझे
अपना बनाए है
रखे सुगन्धित
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